भारत का प्रसिद्ध शिव मंदिर rameshwar mahadev :भगवान शिव के मंदिर भारत में हर जगह मिलते है इसी प्रकार एक अद्भुत शिव मंदिर पहाड़ो की ओट में छिपा हुआ बूंदी राजस्थान में भी है...
शिव से बड़ा कोई सत्य नही है। प्रसिद्ध शिव मंदिर (shiv temple) रामेश्वर महादेव भगवान महादेव का प्राचीन मंदिर है, जो चारो तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। वर्ष भर चलने वाला पानी का झरना जहां लोगो को अपनी ओर आकर्षित करता है जहां सिर झुकाते ही लोगो की हर मनोकामना होने लगती है पूर्ण। जहाँ राजस्थान ही नही अपितु पूरे देश के राजनीतिक दलों के नेता ,मंत्री, फ़िल्म जगत, उधोग जगत के बड़े बड़े नामचीन हस्तियां यहां आकर भगवान भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक करती है। राजस्थान राज्य के हाड़ौती की छोटी काशी बूंदी में शहर से 18 किलोमीटर दूर आकोदा ग्राम पंचायत में पहाड़ों के बीच मे एक गुफा के अंदर भगवान महादेव का शिवलिंग स्थापित है जो अत्यधिक प्राचीन एवँ चमत्कारिक है। प्रकृति का श्रंगार महादेव के इस दर्शन को ओर चमत्कारी बनाता है।
रामेश्वर महादेव मंदिर की 108 सीढ़ियां चढ़ने के बाद भोलेनाथ के दर्शन का आनंद लिया जाता है । हरी भरी वादियों के बीचों बीच , अरावली पर्वत माला की सरंचना मानो खुद भोलेनाथ की प्रतिमा का श्रृंगार कर रही हो । महादेव के मंदिर मे पहाड़ी के खोल में प्राकतिक गाय माता के स्तन है जिन्हें श्रदालु छूकर माँ का आशीर्वाद लेते है। महादेव के मंदिर में विशाल नंदी जी की प्रतिमा है। मंदिर की चौकीदारी का कार्य श्रदालुकाले दांतवाली बाईसा करती है । रामेश्वर महादेव मंदिर में अतिप्राचीन बूढ़ेश्वर महादेव का मंदिर है मंदिर के साथ ही शेर की गुफा भी है । रामेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन एवँ अभिषेक करने हेतु यहां प्रतिवर्ष श्रदालुओं का तांता लगा रहता है । आस- पास के गाँव के लोग यहां आकर भण्डारे करते है एवँ भगवान भोलेनाथ से प्रेम करते है। वर्ष भर यहां मेले जैसी चहल पहल रहती है हर महीने की चौदस एवँ अमावस्या पर यहां लोग आकर स्नान करते है। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप महादेव के दर्शन करने जाते है एवँ आपको वहां नाग देवता के दर्शन हो जाते है तो आपकी मनोकामना शीघ्र पूर्ण होने वाली है एवँ भगवान महादेव की आप पर पूर्ण कृपा है। महादेव के मंदिर में एक हवन कुंड भी है जिसमे अग्नि जलती रहती है । सावन के महीने में अनेक देशी एवँ विदेशी महात्मा , पंडित, विद्ववत जन भगवान महादेव का वही रहकर अभिषेक एवँ पूजा अर्चना करते है।
सावन के सोमवर के दिन 11 शिव चालीसा पाठ , महामृतुंज्ये मंत्र की माला एवं भगवन शिव के शिव कवच का पाठ मंदिर में बैठकर करने से 100 गुना अधिक लाभ मिलता है। सावन में लोग महादेव के कुंड में स्नान करके यही पूजा अर्चना करते है एवं शाम को प्रशादी ग्रहण करते है।
प्राकृतिक सौन्दर्य की दृष्टि से यह शिव मंदिर बहुत ही रमणीय स्थल है, अरावली की पहाड़ियों के मध्य में स्थित होने के कारण वर्षा ऋतू के समय बहुत ही हरा भरा रहता है एवं सबसे महत्व पूर्ण बात है की यहाँ पर एक झरना भी है यह झरना करीब 5 0 फिट की उचाई से निचे गिरता है और सीधा शिवलिंग के उपर गिरता है जिससे भोलेनाथ का स्वतः ही अभिषेक होता रहता है। अर्थात प्रगति के द्वारा महादेव का अभिषेक होना एक सत्यता , सौन्दर्यता, उदारता , को दर्शाता है।
प्रकृति की गोद में होने के कारन वर्षा ऋतू में यह एक बहुत ही अद्भुत पिकनिक स्पॉट है। लोग दूर दूर से महादेव के दर्शन करने एवं झरने का लुफ्त उठाने आते है क्योकि झरना गिरने से एक प्राकृतिक कुंड का निर्माण होता है लोग उसमे नहाने के बाद एक अद्भुत ताजगी का अनुभव कर भगवान महादेव के दर्शन करते है। कई शहरों से लोग यहाँ आते है कई विधालय एवं महाविधालय के भी बच्चो को पिकनिक पर यहाँ लेके आते है। यहाँ पर ज्यादा दर दाल-बाटी ,चावल अथवा लड्डू बाटी का महादेव के भोग लगाया जाता है जो की बूंदी राजस्थान का एक बहुत ही पसन्दीदा व्यंजन है।
जंगल के बीचो बीच होने के कारन यहां महादेव मंदिर के आस पास जंगली जानवरो को यहाँ पर देखा जा सकता है बंदर,नीलगाय, हिरण आदि देखे जा सकते है। यह मंदिर राजस्थान राज्य की रामगढ़ विषधारी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी (Ramgarh Vishdhari Wildlife Sanctuary) के अंदर भी आता है। यहां आकर लोग गोवंश को चारा, बंदरो को मूंगफली, केले, चने आदि देते है उनका ऐसा मानना है कि हर जीव में भगवान का वास है।