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Jai Bhole

Navratri pujan vidhi 2024 Date | Navratri Puja samagri in hindi

विक्रम संवत 2081 शारदीय नवरात्री कलश स्थापना समय, जलाये नवरात्री में अखंड ज्योति मिलेगा माता का आशीर्वाद, कराये कन्या भोजन बानी रहेगी घर में सुख समृद्धि..

navratri pujan vidhi

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Navratri 2024 date and Navratri pujan vidhi

नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। इस बार Navratri 2024 date 3 अक्टूबर गुरुवार से 11 अक्टूबर शुक्रवार तक है। नौ दिनों तक दुर्गा माँ के नौ रूपों की पूजा अलग अलग पूजन विधि से की जाएगी आज हम आपको अलग अलग navratri pujan vidhi के बारे में बताएँगे। इन दिनों उपवास का भी विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में शक्ति के नौ रूपों की पूजा करने से सभी तरह की समस्याएं दूर हो जाती है और जीवन मे सूख, शांति , स्मृद्धि आ जाती है। माँ दुर्गा व्यक्ति के जीवन मे अपार सफलता को दिलाती है।

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरण्ये त्रियम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।।

नवरात्रि पूजन विधि (navratri pujan vidhi):-

सुबह जल्दी उठ कर स्नान करे अपने घर एवं मंदिर का शुद्ध जल से शुद्धिकरण करें। पूर्व दिशा की तरफ मुख कर जनेऊ धारण करे, फिर स्वच्छ लाल या पीले वस्त्र पहने। लाल आसन बिछाकर उस पर बैठ जाये। मंदिर की साफ सफाई करने के पश्चात या तो मिट्टी की चौकी बनाये या फिर एक शुद्ध साफ सुथरी चौकी बिछाएं। गंगाजल से चौकी को पवित्र करे। चौकी के समक्ष किसी मिट्टी के बर्तन में मिट्टी फैलाकर ज्वार के बीज बो दे। फिर प्रथम पूज्य श्री गणेश एवँ माँ दुर्गा की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करे। सर्वप्रथम पूजा के लिए शुद्ध जल से संकल्प लेवे और विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा करे। उन्हें जनेऊ धारण करावे।नवरात्री पूजन सामग्री के तोर पर पहले से लायी हुयी रोली ,अक्षत ,मोली, सुपारी, इत्र , पुष्प , गुड़ , प्रसाद , हल्दी की गाठे, साबुत मूंग आदि चढ़ावे। गणपति जी को प्रणाम कर उनका मन मे ध्यान करे।

navratri pujan vidhi

अब माँ दुर्गा को वस्त्र धारण करावे। उसके पश्चात मातेश्वरी को रोली , इत्र, मोली, गुड़, पताशा, फल , navratri pujan vidhi एवं श्रंगार ( चूड़ा, मेहंदी, चुनर, काजल, बिंदी , कंघा , कांच, आदि) कर मातेश्वरी को सजाए । मातेश्वरी को पुष्पों की माला से सजाएं। कलश स्थापित करने से पहले उस पर एक स्वास्तिक आवश्यक रूप से बना ले। कलश में जल, अक्षत, सुपारी, रोली एवँ सिक्का डालें ओर उसे लाल रंग के कपड़े या चुन्नी से लपेट कर रख देवे। निरतंर नौ दिनों तक मातेश्वरी की समस्त नौ रूपो की पूजा करे। नौ दिनों तक प्रत्येक दिन की पूजा का लिंक निचे दिया गया है।

विक्रम संवत 2081 शारदीय नवरात्री कलश स्थापना समय

शारदीय नवरात्रि अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 03 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 19 मिनट से सुबह 7 बजकर 40 मिनट तक है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।

Navratri 2024 date

1. 03 October 2024 - प्रथम दिन माँ शैलपुत्री नवरात्री पूजन विधि

नवरात्री के पहले दिन शक्ति के पहले रूप माँ शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है। माँ शैलपुत्री पूजन विधि, बीज मंत्र ,पाठ,कवच एवं भोग के बारे में जानने के लिए click कीजिये।

2. 04 October 2024 - द्वितीय दिन माँ ब्रह्मचारिणी नवरात्री पूजन विधि

नवरात्री के दूसरे दिन माँ ब्रम्हचारिणी की पूजा की जाती है माँ ब्रह्मचारिणी की पूजन विधि, बीज मंत्र ,पाठ,कवच एवं भोग के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए click कीजिये।

3. 05 October 2024 - तृतीय दिन माँ चन्द्रघंटा नवरात्री पूजन विधि

नवरात्री के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है।माँ चन्द्रघंटा की पूजन विधि, बीज मंत्र ,पाठ,कवच एवं भोग के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए click कीजिये।

4. 06 October 2024 - चतुर्थ दिन माँ कुष्मांडा नवरात्री पूजन विधि

नवरात्री के चौथे दिन माँ कुष्मांडा की पूजा की जाती है। माँ कुष्मांडा की पूजन विधि, बीज मंत्र ,पाठ,कवच एवं भोग के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए click कीजिये।

5. 07 October 2024 - पंचम दिन माँ स्कंदमाता नवरात्री पूजन विधि

नवरात्री के पाचंवे दिन माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है। माँ स्कंदमाता की पूजन विधि, बीज मंत्र ,पाठ,कवच एवं भोग के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए click कीजिये।

6. 08 October 2024 - षष्ठम दिन माँ कात्यायिनी नवरात्री पूजन विधि

नवरात्री के षष्ठम दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है। माँ कात्यायिनी की पूजन विधि, बीज मंत्र ,पाठ,कवच एवं भोग के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए click कीजिये।

7. 09 October 2024 - सप्तम दिन माँ कालरात्रि नवरात्री पूजन विधि

नवरात्री के सातवे दिन माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है। माँ कालरात्रि की पूजन विधि, बीज मंत्र ,पाठ,कवच एवं भोग के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए click कीजिये।

8. 10 October 2024 - अष्ठम दिन माँ महागौरी नवरात्री पूजन विधि

नवरात्री के आठवे दिन माँ म`हागौरी की पूजा की जाती है। माँ महागौरी की पूजन विधि, बीज मंत्र ,पाठ,कवच एवं भोग के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए click कीजिये।

9. 11 October 2024 - अष्ठम दिन माँ सिद्धिदात्री नवरात्री पूजन विधि

नवरात्री के नवम दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। माँ सिद्धिदात्री की पूजन विधि, बीज मंत्र ,पाठ,कवच एवं भोग के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए click कीजिये।

माँ दुर्गा के इन रूपों की पूजा करने के पश्चात नित्य दुर्गासप्तशती,दुर्गा चालीसा , सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ करे।

नवरात्री कन्या पूजन (kanya pujan) एवं कन्या भोज विधि:

नवरात्री में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। नौ दिन तक माता के नौ रूपों की पूजा करने के बाद नवे दिन 9 कन्याओ को भोजन करवाया जाता है इसके बाद ही नवरात्री पूजन सम्पूर्ण मानी जाती है। नवरात्री पूजन विधि के अनुसार अंतिम दिन 9 छोटी कन्याओं अथवा 2 बालको को भोजन करावे एवँ उनके चरण छूकर उन्हें दक्षिणा देवे। ऐसा करने से माता रानी की कृपा आप पर बनी रहेगी।

भारत में अलग अलग भाग में कन्या भोजन अलग अलग दिन करवाया जाता है वैसे तो कन्या भोजन नवरात्र की नवमी के दिन किया जाता है पर उत्तर भारत में कई लोग कन्या भोजन नवरात्री की अष्टमी के दिन भी करवाते है और वही दक्षिण भारत में कई लोग कन्या पूजन नवरात्री की दशमी की दिन करते है।

नवरात्री अखंड ज्योति (navratri akhand jyoti)

नवरात्री के नौ दिनों तक घर एवं मंदिरो में अखंड ज्योत जलाई जाती है। अखंड ज्योत जलाने के लिए गाये के देशी घी का इस्तेमाल किया जाता है। रुई की बत्ती बना कर उससे पित्तल की कटोरी में घी के साथ जलाया जाता है। अखंड ज्योत का दीपक लगरत 9 दिन तक 24 घंटे जलाया जाता है। अखंड ज्योत जलाते वक्त इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए की 9 दिन तक दीपक एक पल के लिए भी बुझने न पाए। आपको बार बार बत्ती बदलनी पद सकती है पुरानी बत्ती को हटाने से पहले नयी बत्ती लगा दे और फिर पुराणी बत्ती को हटाए।

नवरात्रि अखंड ज्योति के लाभ (Benefits of Navratri Akhand Jyoti)

नवरात्री में अखंड ज्योत जलाने से घर में सुख ,शांति एवं समृद्धि बानी रहती है घर में सभी का स्वास्थ हमेशा अच्छा बना रहता है , घर में धन और धान्य की कभी कमी नहीं होती, व्यापार एवं बिज़नेस में लाभ होता है। माता रानी की कृपा से जीवन के सरे कष्ट दूर हो जाते है।

नोट :- नौ दिनों तक सात्विक भोजन करे एवँ स्वच्छ रहे। किसी को ठेस नही पहुँचाये। झूठ न बोले , किसी को धोखा न दे। नित्य उठकर सर्वप्रथम अपनी जननी माँ के चरण स्पर्श कर दिन की शुरुआत करे।

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