सभी प्रकार के चौघड़िया दोहा एवं चर,रोग,उद्वेग, शुभ मुहूर्त, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अभिजीत मुहूर्त
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चौघड़िया दोहा, शुभ एवँ अभिजीत मुहूर्त :-
किसी भी अच्छे कार्य को करने के लिए प्रतिदिन शुभ समय होता है, जब देवता स्वर्ग से अमृत वर्षा करते है, ऐसे समय को अभिजीत मुहूर्त कहते है।
चर में चक्र चलाइए, उद्वेग थलगार।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे , लाभ में करो व्यापार ।।
रोग में रोगी स्न्नान करे, काल मे करो भंडार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करे करतार।।
1. चर :- चर में वाहन, मशीन आदि का कार्य करना चाहिए। चर में वाहन , मशीन का कार्य करने से लाभ की प्राप्ति होती है। अगर कोई नया वाहन लेना चाहते है तो चर में नया वाहन ले सकते है।
3. उद्वेग:- उद्वेग में भूमि संबंधी कार्य कर सकते है। अगर किसी व्यक्ति को कोई नई जमीन, प्लॉट आदि खरीदना है तो आप उद्वेग में भूमि से संबंधित कार्य कर सकते है।
3. शुभ :- शुभ में स्त्री श्रृंगार करे। शुभ में आप सगाई की रस्म ,महिला को चूड़ा पहनाने की रस्म आदि स्त्री श्रृंगार का कार्य आप शुभ में कर सकते है। जिससे परिवार में आंनद बना रहता है।
4. लाभ :- अगर आप कोई व्यापार प्रारंभ करना चाहते है तो लाभ में आप व्यापार की शुरुवात कर सकते है। इस से आपके व्यापार की हमेशा बढ़त होती है ओर आप निरन्तर तरक्की की ओर अग्रसर होते है।
5. रोग :- रोग में रोगी जब रोगमुक्त हो, तब उसे स्न्नान करवाये तो रोग की पुनरावृत्ति नही होती है। वह स्वस्थ रहता है एवं प्रसन्न रहता है।
6. काल :- काल मे धन जमा करने पर धन बढ़ता है। आप अगर आपके बैंक बैलेंस में वृद्धि करना चाहते है तो आप काल मे धन जमा कीजिये निश्चित रूप से आपके धन में अपार वृद्धि होगी।
7. अमृत :- अमृत में सभी शुभ कार्य करने चाहिए सभी का फल उत्तम होता है जिससे भगवान की कृपा बनी रहती है। भगवान की असीम अनुकम्पा से सारे कार्य आनंदमय पूर्ण होते है। शादी , नवग्रह पूजन, नूतन ग्रह प्रवेश आदि कार्य अमृत में करना चाहिए।
8. अभिजीत मुहूर्त:- बुधवार के अलावा प्रतिदिन 12 :00 बजे से 1:00 बजे तक ।