×
Home Free Jyotish Consultation Rate Us On Google Play Share Our App
Jai Bhole

why to wear janeu and its benefits

जनेऊ में तीन धागे होते है, यह तीनों धागे आदमी के तीन ऋण का प्रतीक होते हैं भारतीय संस्कृति में जनेऊ का अतिमहत्वपूर्ण स्थान है जनेऊ को उपवीत, यज्ञसूत्र, व्रतबन्ध...

why to wear janeu and its benefits

Total Mala Count (माला गिनती) : 0



जनेऊ क्यो पहनना चाहिए इसके फायदे

भारतीय संस्कृति में जनेऊ का अतिमहत्वपूर्ण स्थान है। जनेऊ को उपवीत, यज्ञसूत्र, व्रतबन्ध, बलबन्ध, मोनीबन्ध और ब्रह्मसूत्र भी कहते हैं। इसे उपनयन संस्कार भी कहते हैं। 'उपनयन' का अर्थ है, 'पास या सन्निकट ले जाना' ब्रह्म (ईश्वर) और ज्ञान के पास ले जाना। हिन्दू समाज का हर वर्ग जनेऊ धारण कर सकता है।

जनेऊ धारण करने के बाद ही द्विज बालक को यज्ञ तथा स्वाध्याय करने का अधिकार प्राप्त होता है। द्विज का अर्थ होता है दूसरा जन्म। कालांतर में इस संस्कार को दूसरे धर्मों में धर्मांतरित करने के लिए उपयोग किया जाने लगा। हिन्दू धर्म में प्रत्येक हिन्दू का कर्तव्य है जनेऊ पहनना और उसके नियमों का पालन करना। हर हिन्दू जनेऊ पहन सकता है बशर्ते कि वह उसके नियमों का पालन करे।

जनेऊ में तीन धागे होते है, यह तीनों धागे आदमी के तीन ऋण का प्रतीक होते हैं।

1. शिक्षक का कर्ज

2. माता पिता का कर्ज

3. पूर्वजो एवँ विद्वानों का कर्ज


जनेऊ के तीन धागे तीन देवी पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती का प्रतीक है। यह इस बात का प्रतीक है कि एक मनुष्य सिर्फ इन तीन देवीओं जैसे कि शक्ति, धन और ज्ञान की मदद से अपनी ज़िन्दगी में सफल हो सकता है। जनेऊ धारण करने के बाद उस व्यक्ति को अपने विचारों, शब्दों और कामों में निर्मलता रखनी होती है।

उपनयन संस्कार के दिशा-निर्देशों के अनुसार जनेऊ धारण करनेवाले व्यक्ति को एक ब्रह्मचारी के जीवन का नेतृत्व करना होता है। इसलिए जनेऊ को हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह बच्चे की शिक्षा से सम्बन्ध रखता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जनेऊ पहनाना कितना फायदेमंद है

दिल की बिमारियों के लिए फायदेमंद:- चिकित्सकों अनुसार यह जनेऊ के हृदय के पास से गुजरने से यह हृदय रोग की संभावना को कम करता है क्योंकि इससे रक्त संचार सुचारू रूप से संचालित होने लगता है।

यह बीमारियों से बचाता है:- इसे पहनने वाले व्‍यक्‍ति को साफ सफाई का काफी ध्‍यान रखना पड़ता है। अगर वह मल-मूत्र त्‍यागने गया है तो उसे जनेऊ को अपने कानों पर टांगना होगा और फिर हाथ पैर धो कर कुल्‍ला कर के ही जनेऊ को कानों से उतारता है। ऐसा करने से उस व्यक्ति के दांत, मुंह, पेट में जीवाणु नहीं जा पाते और मनुष्य निरोगी रहता है।

स्मरण शक्ति बढ़ाती है :- जब इसे कान पर बांधा जाता है तो उससे स्‍मरण शक्‍ति बढ़ती है। इसके अलावा ऐसा करने से कान के अंदर की नसें दबती हैं, जिनका संबंध सीधे आंतों से होता है। नसों पर दबाव पड़ने से कब्ज़ की शिकायत नहीं होती और पेट अच्‍छे से साफ हो जाता है, दरअसल बच्चों के कान मरोड़ने का भी लॉजिक इसी से जुड़ा हुआ है।

बुरे कार्य करने से बचाती है जनेऊ:- इसे धारण करने से मन हमेशा शांत रहता है, मनुष्य को अपना बुरा भला सोचने की शक्ति मिलती है, जिसके कारण गलतियां हमसे दूर हो जाती है। बुरे कार्यों से बचाती है.अधिक बल और स्फूर्ति देती है जनेऊ इसे जब कान में लपेट जाता है तब कान की एक और नस दबती है, जिसका सीधा संबंध अंडकोष और गुप्तेंद्रियों से होता है। ऐसे में शुक्राणुओं की रक्षा होती है और शरीर को अधिक बल मिलता है, जनेऊे पहनना केवल धर्माज्ञा ही नहीं बल्कि आरोग्य का पोषक भी है।

अत: आप इसे सदैव शरीर पर धारण करे। हमें विश्वाश है कि इसका फायदा आपको जरूर मिलगा।

Total Mala Count (माला गिनती) : 0

Our Services
Articles For You
🗨️
Chatbot
Hello! How can I help you today?