कार्तिक पूर्णिमा पूजन विधि एवँ महत्व:हिंदू वर्ष कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक मास में एक पूर्णिमा तिथि आती है। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त नवम्बर 30 2020 सोमवार...
पौराणिक धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन किसी भी तीर्थ स्थल, किसी पवित्र नदी, सरोवर, घाट, इत्यादि में स्नान करना बेहद शुभ बताया गया है। हालांकि अगर आप इस दिन इन जगह पर स्नान नहीं कर सकते हैं तो, स्नान के पानी में ही थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इस दिन प्रात काल संकल्प लेकर पूरी विधि विधान से चंद्र देव की पूजा करनी चाहिए। चंद्रमा की पूजा करते समय इस विशेष मंत्र अवश्य जाप करें। “ॐ सों सोमाय नम: ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नम:” इस दिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, बेलपत्र, शहद, शमी का पत्ता, इत्यादि चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा उस व्यक्ति पर हमेशा के लिए बनी रहती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्राह्मण, बहन और बुआ को अपनी श्रद्धा के अनुसार वस्त्र और दक्षिणा जरूर दें। इस दिन पूजा करने के बाद घर में दीपक अवश्य जलाना चाहिए। इसके अलावा इस दिन जितना हो सके दान करना चाहिए। दान का इस दिन विशेष महत्व बताया गया है।
मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन से शुरू करके प्रत्येक पूर्णिमा को व्रत और जागरण करने से इंसान की सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती है। इस दिन के बारे में ऐसी भी मान्यता है कि आज के दिन जो कोई भी इंसान स्नान, दान, हवन, यज्ञ, और उपासना करता है उन्हें मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और फिर शाम के समय दीप दान करना बेहद ही शुभ माना गया है। यही वजह है जिसके चलते कार्तिक पूर्णिमा के दिन भारी तादाद में लोग गंगा नदी में स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। इस दिन भरणी नक्षत्र में गंगा स्नान और पूजन करने से इंसान को उनके जीवन में हर तरह के ऐश्वर्य और सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती है।