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Jai Bhole

Ganesh Chaturthi Chandra Dosh and its remedies

क्यों नही देखते गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा, यदि भूल से गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्रमा के दर्शन हो जाएं तो मिथ्या दोष से बचाव के लिए निम्नलिखित मंत्र का जाप करना चाहिए तथा दी गई कथा का श्रवण करना...

Ganesh Chaturthi Chandra Dosh and its remedies

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क्यों नही देखते गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा :- हिंदू धर्म में चांद का अपना अलग ही महत्‍व होता है। लेकिन अगर आपको पता चले कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र देव के दर्शन नही करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चांद देखना आपको भारी पड़ सकता है। यह बात बहुत कम लोग जानते हैं लेकिन ये बिल्‍कुल सच है। आखिर गणेश चतुर्थी के दिन चांद क्‍यों नहीं देखना चाहिये।

कथा :- गणेश पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार गणेश जी के सूंड वाले मुख को देखकर एक बार चांद को हंसी आ गयी। इससे गणेश जी बहुत नाराज़ हो गये और उन्होंने चांद से कहा कि, तुम्हे अपनी खूबसूरती पर बहुत गुरुर है...आज मैं तुम्हे श्राप देता हूँ कि आज के दिन तुम्हें जो भी देखेगा उसे कलंक लगेगा। तब से लेकर आज तक गणेश चतुर्थी के दिन चाँद को देखने से मना किया जाता है। गणेश जी के श्राप से चन्द्रमा को अपनी गलती का एहसास हुआ और वे दुखी मन के साथ घर में जाकर छिपकर बैठ गये। बाद में जाकर सभी देवताओं ने चन्द्रमा को मनाया और उन्हें समझाया कि वे मोदक और पकवान बनाकर गणेश जी की पूजा अर्चना करें जिससे वे खुश हो जाएंगे। बाद में चन्द्रमा में ऐसा ही किया तब जाकर भगवन गणेश खुश तो हुए लेकिन उन्होंने कहा कि श्राप पूरी तरह खत्म नहीं होगा जिससे आने वाली पीढ़ियों को ये याद रहे कि किसी के रुप रंग को देखकर उपहास नहीं उड़ना चाहिए। इसलिए आप भी आगे से ये गलती ना करें और गणेश चतुर्थी के दिन श्री गणेश जी का सच्चे मन से पूजन करे।

चंद्र - दर्शन दोष निवारण हेतु यदि अनिच्छा से चंद्र-दर्शन हो जाये तो व्यक्ति को निम्न मंत्र से पवित्र किया हुआ जल ग्रहण करना चाहिये। मंत्र का 21, 54 या 108 बार जप करें। ऐसा करने से वह तत्काल शुद्ध हो निष्कलंक बना रहता हैं। मंत्र निम्न है-

सिंहः प्रसेनमवधीत्‌ , सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः ॥

अर्थात: सुंदर सलोने कुमार! इस मणि के लिये सिंह ने प्रसेन को मारा हैं और जाम्बवन्त ने उस सिंह का संहार किया हैं।अतः तुम रो मत। अब इस स्यमंतक मणि पर तुम्हारा ही अधिकार हैं। चौथ के चन्द्रदर्शन से कलंक लगता है | इस मंत्र-प्रयोग अथवा स्यमन्तक मणि कथा के वचन या श्रवण से उसका प्रभाव कम हो जाता है | भगवान गणेश को ख़ुश करने के लिए ‘ॐ गं गणपतये नम:’ मंत्र का जप करने और गुड़मिश्रित जल से गणेशजी को स्नान कराने एवं दूर्वा व सिंदूर की आहुति देने से विघ्न-निवारण होता है एवँ शक्ति बढ़ती है।

नोट :- गणेश जी को दूर्वा अतिप्रिय है। अतः नित्य गणेश जी को मस्तक पर दूर्वा चढ़ाकर आप सभी कार्यों में सफल हो सकते है।

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