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Jai Bhole

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Gayetri mantra in hindi | गायत्री मंत्र के फायदे एवं अर्थ

गायत्री मंत्र के फायदे एवं अर्थ, गायत्री मंत्र के चमत्कार, प्रतिदिन गायत्री मंत्र पढ़ने के लाभ,

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गायत्री मंत्र हिंदी में (Gayatri mantra in hindi)

ॐ भूर्भव: स्व:।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

Gayatri mantra in english lyrics

Om Bhur Bhuvah Swah
Tat-savitur Varenyam
Bhargo Devasya Dheemahi
Dhiyo Yo nah Prachodayat

गायत्री मंत्र का अर्थ

सृष्टि का निर्माण करने वाले सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, वह परमात्मा का तेज हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करे।

गायत्री मंत्र के फायदे ( Gayatri mantra ke labh)

गायत्री मंत्र से आत्मिक शांति का अनुभव होता है। जो व्यक्ति नित्य गायत्री मंत्र का पाठ करता है वह व्यक्ति स्वयं को मानसिक रूप से जागृत महसूस करता है। गायत्री मंत्र का नित्य पाठ करने से व्यक्ति में साहस की अनुभूति होती है वह अपने लक्ष्य को निर्धारित कर लगातार आगे बढ़ता रहता है।

1. सकारात्मक ऊर्जा का संचार

नित्य गायत्री मंत्र का पाठ करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा एवँ सुविचारों का संचार होता है। व्यक्ति के मन मस्तिष्क से डर , पाप, द्वेष , दुःख आदि नकारात्मक चीजों का अंत हो जाता है। आदमी स्वयं को शांत एवँ एकाग्रचित्त महसूस करता है।

2. स्मरण शक्ति बढ़ाता है

जो व्यक्ति नियमित रूप दे गायत्री मंत्र व गायत्री चालीसा का पाठ करता है उस व्यक्ति की स्मरण शक्ति दूसरे व्यक्तियों के वनिस्पत ज्यादा होती है। जो व्यक्ति नित्य गायत्री मंत्र व गायत्री चालीसा का पाठ करता है ,उनके मुखमंडल पर एक अलग तेज व चमक होती है।

3. दुःख- दरिद्रता मिटती है

जो व्यक्ति नित्य एक माला अर्थात 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करता है उस व्यक्ति से जीवन मे खुशहाली बनी रहती है । दुःख,दरिद्रता उनसे कोसों दूर रहती है। वह व्यक्ति निरन्तर प्रगति की ओर अग्रसर होते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है।

4. समाज मे यश , सम्मान

गायत्री माता को वेदमाता भी कहा गया है। वेद का अर्थ ज्ञान होता है। व्यक्ति के जीवन में सद्बुद्धि और ज्ञान का महत्व सभी लोगो को पता हैं। बुद्धि प्रत्येक जीव में है, पर उसमें श्रेष्ठता, संपन्नता, परिपक्वता का अभाव हो तो वह मनुष्य को बुराई की ओर ले जाती है। समाज की आज जो दयनीय स्थिति हो रही है, उसके मूल में यही दुर्बुद्धि है। सद्बुद्धि हमारे जीवन में एक अलग ही आनंद, उत्साह और सुख , एकाग्रताका संचार करती हैं। बुद्धि यदि बुराई से परिपूर्ण है , विचार-संपदा से ग्रस्त है तो वह मनुष्य के जीवन को और भी निकृष्ट बना देती है। गायत्री मंत्र के नित्य पठन से साधक को ज्ञान और सद्बुद्धि देती है व उसका समाज मे मान-सम्मान बढ़ाती है।

5. भूत प्रेत से मुक्ति

वह व्यक्ति जो नियमित रूप से गायत्री मंत्र का पाठ करता है तो इस मंत्र में इतनी शक्ति है कि नियमित तीन बार जप करने वाले व्यक्ति के आस-पास नकारात्मक शक्तियां, भूत-प्रेत और ऊपरी बाधाएं नहीं फटकती।वह व्यक्ति स्वस्थ एवँ प्रसन्न रहता है।

6. मंत्रो का मुकुटमणि

विधार्थियों के लिए यह मंत्र बहुत ही फायदेमंद व असरकारक मंत्र है। परम् ज्ञानी स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि गायत्री मंत्र सद्बुद्धि का मंत्र है, इसलिए उसे मंत्रो का मुकुटमणि भी कहा गया है।

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