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Gupt Navratri 2025: जानें गुप्त नवरात्रि 2025 तिथि, पूजा विधि और महत्व

गुप्त नवरात्रि 2025 का आरंभ 30 जनवरी से होगा और समापन 7 फरवरी को होगा। जानिए गुप्त नवरात्रि तिथि, घट स्थापना शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और 10 महाविद्याओं की साधना का महत्व। इस पावन अवसर पर तांत्रिक पूजा और गुप्त अनुष्ठानों की विशेष मान्यता होती है। अधिक जानें!

Gupt Navratri 2025

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गुप्त नवरात्रि की तिथियां

हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 जनवरी 2025 को शाम 6:05 बजे शुरू होकर 30 जनवरी 2025 को शाम 4:10 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, गुप्त नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार, 30 जनवरी 2025 से होगी और समापन शुक्रवार, 7 फरवरी 2025 को होगा।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

गुप्त नवरात्रि की पूजा की शुरुआत घटस्थापना से होती है। शुभ मुहूर्त:

  • प्रातः मुहूर्त: 30 जनवरी सुबह 9:25 बजे से 10:46 बजे तक (1 घंटा 21 मिनट)
  • अभिजीत मुहूर्त: 30 जनवरी दोपहर 12:13 बजे से 12:56 बजे तक (43 मिनट)

गुप्त नवरात्रि का महत्व

सामान्य नवरात्रि में सात्विक और तांत्रिक पूजा दोनों की जाती हैं, जबकि गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से तांत्रिक साधना के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दौरान साधना को गोपनीय रखना आवश्यक माना जाता है, जिससे सिद्धि प्राप्ति अधिक प्रभावी होती है।

नवरात्रि वर्ष में चार बार

  • चैत्र नवरात्रि (प्रत्यक्ष)
  • आश्विन नवरात्रि (प्रत्यक्ष)
  • माघ गुप्त नवरात्रि
  • आषाढ़ गुप्त नवरात्रि

गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से गोपनीय साधनाओं और तांत्रिक अनुष्ठानों के लिए जानी जाती है।

गुप्त नवरात्रि में पूजी जाने वाली 10 महाविद्याएं

गुप्त नवरात्रि के दौरान 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है:

  1. मां काली
  2. तारा देवी
  3. त्रिपुर सुंदरी
  4. भुवनेश्वरी
  5. माता छिन्नमस्ता
  6. त्रिपुर भैरवी
  7. मां धूमावती
  8. माता बगलामुखी
  9. मातंगी देवी
  10. कमला देवी

गुप्त नवरात्रि में किए जाने वाले विशेष अनुष्ठान

गुप्त नवरात्रि के दौरान निम्न अनुष्ठान किए जाते हैं:

  • देवी शक्ति के 32 नामों का जाप
  • दुर्गा सप्तशती और देवी महात्म्य का पाठ
  • श्रीमद् देवी भागवत जैसे धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन

मान्यता है कि इन अनुष्ठानों से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

गुप्त नवरात्रि का आध्यात्मिक लाभ

गुप्त नवरात्रि की साधना जन्मकुंडली के दोषों को दूर करने, मनोवांछित फल प्राप्त करने और धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति में सहायक मानी जाती है।

निष्कर्ष

माघ गुप्त नवरात्रि 2025 का आरंभ 30 जनवरी से होकर 7 फरवरी तक चलेगा। यह नवरात्रि तांत्रिक साधना और गुप्त अनुष्ठानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दौरान की गई पूजा और मंत्र जाप न केवल साधकों को आध्यात्मिक बल प्रदान करते हैं, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी लाते हैं।

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