Hindi bhajan lyrics सावन में झूला झूल रहे,सावन में गए जाने वाला बहुत ही प्रिय भजन, कहीं नहीं मिलेगा ऐसा भजन..
सावन में झूला झूल रहे,
राधे संग कुंज बिहारी,
सावन में झूला झूल रहें,
राधे संग कुंज बिहारी,
राधे संग रसिक बिहारी,
राधे संग नित्य बिहारी,
सावन में झूला झूल रहें,
राधे संग कुंज बिहारी।।
मोर मुकुट कानन में कुंडल,
रूप निहारत सब बृज मंडल,
कर दर्शन सुध बुध भूल रहे,
राधे संग कुंज बिहारी,
सावन में झूला झूल रहें,
राधे संग कुंज बिहारी।।
बांकी झांकी है प्यारी,
प्यारे नंद लाल की,
मीरा दीवानी हो गई,
गिरधर गोपाल की।
खडो मनसुखा लेकर सोटा,
सखिया दे रही लंबे झोटा,
और बादल काले झूल रहे,
राधे संग कुंज बिहारी,
सावन में झूला झूल रहें,
राधे संग कुंज बिहारी।।
कुक रही है कोयल काली,
लता पता छाई हरियाली,
महक कदम संग फूल रहे,
राधे संग कुंज बिहारी,
सावन में झूला झूल रहें,
राधे संग कुंज बिहारी।।
प्रेमी ब्रज लागे मनभावन,
रिमझिम रिमझिम बरसे सावन,
बर कालिंदी संग झूल रहे,
राधे संग कुंज बिहारी,
सावन में झूला झूल रहें,
राधे संग कुंज बिहारी।।
सावन में झूला झूल रहे,
राधे संग कुंज बिहारी,
सावन में झूला झूल रहें,
राधे संग कुंज बिहारी,
राधे संग रसिक बिहारी,
राधे संग नित्य बिहारी,
सावन में झूला झूल रहें,
राधे संग कुंज बिहारी।।
सावन का महीना घटायें घनघोर
सावन का महीना घटायें घनघोर
आज कदम्ब की डाली झुले राधा नन्द किशोर
प्रेम हिंडोले बैठे श्याम बिहारी
झूला झुलाये साड़ी ब्रज की नारी
जोड़ी लागे प्यारी ज्यूँ चंदा और चकोर
आज कदम्ब की डाली झुले राधा नन्द किशोर
सावन का महीना
ठंडी फुहार पड़े मन को लुभाये
गीत गावें सखियाँ श्याम मुस्कावे
बंसुरिया बजावे मेरे मन का चितचोर
आज कदम्ब की डाली झुले राधा नन्द किशोर
सावन का महीना
जमुना के तट पर नाचे नाचे रे ता ता थैया
राधा को झुलाये श्याम रास रचाये
ब्रज में छायी मस्ती और मस्त हुए मनमोर
आज कदम्ब की डाली झुले राधा नन्द किशोर
सावन का महीना
देख युगल छवि मन में समायी
श्याम सुन्दर ने महिमा गाई
देख के प्यारी जोड़ी मनवा होये विभोर
आज कदम्ब की डाली झुले राधा नन्द किशोर
सावन का महीना