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Jai Bhole

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श्री नाग स्तोत्र || Naag stotram in hindi

Naag stotram in hindi || श्री नाग स्तोत्र यदि आपकी जन्म कुंडली में कालसर्प दोष है तो Shri Navnag Stotra का पाठ करना बहुत लाभकारी रहता हैं।

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श्री नाग स्तोत्र (Naag stotram in hindi)

अगस्त्यश्च पुलस्त्यश्च वैशम्पायन एव च ।
सुमन्तुजैमिनिश्चैव पञ्चैते वज्रवारका: ॥१॥

मुने: कल्याणमित्रस्य जैमिनेश्चापि कीर्तनात् ।
विद्युदग्निभयं नास्ति लिखितं गृहमण्डल ॥२॥

अनन्तो वासुकि: पद्मो महापद्ममश्च तक्षक: ।
कुलीर: कर्कट: शङ्खश्चाष्टौ नागा: प्रकीर्तिता: ॥३॥

यत्राहिशायी भगवान् यत्रास्ते हरिरीश्वर: ।
भङ्गो भवति वज्रस्य तत्र शूलस्य का कथा ॥४॥

॥ इति श्रीनागस्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥

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