दिसम्बर महीने के व्रत एवँ त्योहार - विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति जागरूकता बढाना...
दिसंबर 2020 - मंगलवार विश्व एड्स दिवस : विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति जागरूकता बढाना, और इस बीमारी से जिसकी मौत हो गई है उनका शोक मनना है।
3 दिसंबर 2020- बृहस्पतिवार संकष्टी चतुर्थी : संकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है संकट हर लेने वाली चतुर्थी। हिंदू पंचांग के मुताबिक, संकष्टी चतुर्थी कृष्ण पक्ष की पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को मनाते हैं। भगवान गणेश बुद्धि और विवेक के देवता माने जाते हैं। ऐसे में भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए संकष्टी के व्रत का सबसे ज्यादा महत्व बताया गया है।
7 दिसंबर 2020- सोमवार कालाष्टमी : कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के विग्रह रूप काल भैरव की पूजा का विधान बताया गया है। कालाष्टमी का व्रत प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है। काल भैरव तंत्र-मंत्र के देवता माने गए हैं।
कालभैरव जयंती : हिन्दू शास्त्र में काल भैरव को महादेव के रुद्र अवतारों में से, सबसे प्रमुख अवतार माना गया है। यही कारण है कि आज दुनियाभर में कालाष्टमी शिव भक्तों के लिए बेहद पावन दिवस के रूप में मनाई जाती है।
11 दिसंबर 2020-शुक्रवार उत्पन्ना एकादशी : पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बताया जाता है कि इसी दिन एकादशी माता का जन्म हुआ था, इसलिए इसे उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। माता एकादशी को भगवान विष्णु की ही शक्ति माना गया है।
12 दिसंबर 2020-शनिवार प्रदोष व्रत : प्रदोष व्रत को एक अत्यंत शुभ और बेहद ही फलदायी व्रत बताया गया है। इस प्रदोष व्रत का सीधा संबंध भगवान शिव और माता पार्वती से होता है। शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को ये व्रत मनाया जाता है।
शनि त्रयोदशी : शनिवार को आने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष या शनि त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। शनिवार को भगवान शिव का दिन माना गया है ऐसे में इस दिन का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।
13 दिसंबर 2020-रविवार मासिक शिवरात्रि : मासिक शिवरात्रि व्रत का बहुत महत्व बताया गया है। साल के हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है।
14 दिसंबर 2020- सोमवार मार्गशीर्ष अमावस्या : हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या मार्गशीर्ष माह में आती है। कई जगह पर इसे अगहन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण, स्नान, दान इत्यादि किए जाने का भी विधान बताया गया है।
दर्श अमावस्या : दर्श अमावस्या का दिन बेहद ही शुभ माना जाता है। शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन दर्श अमावस्या आती है। इस रात में चंद्रमा के दर्शन नहीं होते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पितरों को प्रसन्न करना बेहद ही आसान होता है इसलिए इस अमावस्या का एक नाम श्राद्ध की अमावस्या भी होता है।
सोमवती अमावस्या : सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। ये वर्ष में लगभग एक अथवा दो ही बार पड़ती है।
पूर्ण सूर्य ग्रहण : सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण, दोनों ही घटनाओं को ज्योतिष की दुनिया में महत्वपूर्ण माना गया है। किसी भी ग्रहण का प्रभाव हमारे जीवन में अवश्य ही पड़ता है। शाम को 19 बजकर 03 मिनट से 15 दिसंबर को 12 बजे
15 दिसंबर 2020- मंगलवार चंद्र दर्शन : हिन्दू धर्म में चंद्र दर्शन काफी महत्व रखता है। ऐसा इसलिए माना गया है क्योंकि चद्रंमा को देवता समान माना गया है। चंद्र दर्शन का मतलब होता है चन्द्रमा का दर्शन करना। ऐसे में चन्द्र दर्शन का यह ख़ास दिन भारत में बहुत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
धनु संक्रांति : जब सूर्य किसी राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहते हैं। ऐसे में जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर रहा है तो इसे धनु संक्रांति कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह की संक्रांति को धनु संक्रांति कहा जाता है।
18 दिसंबर 2020- शुक्रवार विनायक चतुर्थी : गणेश चतुर्थी पूरे विश्व में हिंदुओं द्वारा भगवान गणेश के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। विनायक चतुर्थी को कई जगहों पर वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
19 दिसंबर 2020- शनिवार विवाह पंचमी : मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष को भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था। इसके बाद से ही इस दिन को श्री राम विवाह उत्सव के रूप में मनाए जाने की परंपरा की शुरुआत हुई। कई जगहों पर इसे विवाह पंचमी भी कहते हैं।
20 दिसंबर 2020- रविवार चंपा षष्ठी : चंपा षष्ठी का पर्व कर्नाटक और महाराष्ट्र में प्रमुख तौर पर मनाया जाता है। इस व्रत के बारे में ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी इंसान इस व्रत को करता है उसके जीवन में हमेशा खुशियां बनी रहती है।
21 दिसंबर 2020- सोमवार साल का सबसे छोटा दिन : 21/22 दिसम्बर साल का सबसे छोटा दिन होता है, क्योकि इस दिन सूर्य की किरण पृथ्वी पर कम समय के लिए रहती हैं।
22 दिसंबर 2020- मंगलवार मासिक दुर्गा अष्टमी : मासिक दुर्गाष्टमी का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। लोग इस दिन व्रत रखते हैं और मां दुर्गा की पूजा-उपासना करते हैं।
25 दिसंबर 2020-शुक्रवार मोक्षदा एकादशी : मोक्षदा एकादशी सभी एकादशियों में बेहद पुण्यदायी मानी जाती है। कहा जाता है कि अगर किसी इंसान से अनजाने में कोई गलती हुई हो और इंसान को उसका प्रायश्चित करना हो तो उसके लिए मोक्षदा एकादशी से बेहतर कोई दिन नहीं हो सकता है।
गीता जयंती : गीता जयंती का पावन दिवस, देशभर में श्रीमद्भगवद्गीता की प्रतीकात्मक जयंती के रूप में मनाया जाता हैं। मान्यता अनुसार इस विशेष दिन श्रीमद्भगवद्गीता के दर्शन मात्र करने से ही, किसी भी व्यक्ति के समस्त दुखों का नाश हो जाता है और वो व्यक्ति अपने जीवन में केवल और केवल सच्चाई के मार्ग पर चलते हुए, हर सफलता प्राप्त करता हैं।
वैकुण्ठ एकादशी : वैकुंठ एकादशी में भगवान विष्णु की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस एकादशी के पुण्य से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
मेरी क्रिसमस : क्रिसमस का त्योहार ईसाई धर्म का का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार माना गया है। हर वर्ष 25 दिसंबर को मेरी क्रिसमस या क्रिसमस का यह त्यौहार मनाया जाता है। यह त्यौहार इतना व्यापक है कि दुनिया भर में इसे अन्य धर्म के लोग भी बेहद ही धूमधाम और खुशियों के साथ मनाते हैं।
26 दिसंबर 2020- शनिवार मत्स्य द्वादशी : हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मत्स्य द्वादशी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु जी ने मत्स्य रूप धारण कर दैत्य हयग्रीव का वध कर वेद की रक्षा की थी।
मंडला पूजा : मंडला पूजा में अय्यप्पा भगवान की पूजा की जाती है। यह त्यौहार दक्षिण भारत का विशेष त्यौहार माना गया है। इस त्यौहार में पूरे 41 दिनों तक विधि विधान से पूजा होती है। दक्षिण भारत के अलावा पूरे देश और विदेश में जहाँ भी दक्षिण भारतीय मूल के निवासी रहते है, वहां इस पूजा का आयोजन किया जाता है।
27 दिसंबर 2020-रविवार प्रदोष व्रत : प्रदोष व्रत का सीधा संबंध भगवान शिव और माता पार्वती से जोड़कर देखा जाता है। शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत मनाया जाता है।
28 दिसंबर 2020-सोमवार रोहिणी व्रत : रोहिणी व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखती हैं। इस दिन का व्रत घर और जीवन में सुख शांति की कामना के लिए भी रखा जाता है।
29 दिसंबर 2020-मंगलवार मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत : मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत की अपनी एक मान्यता है। इस दिन अमृत और अमरता का कारक चंद्रमा भी अपनी मजबूत स्थिति में होता है।
दत्तात्रेय जयंती : भगवान दत्तात्रेय के बारे में ऐसी मान्यता है कि इनकी पूजा करने से तुरंत फल की प्राप्ति होती है और इससे कष्टों का निवारण भी होता है। हर साल भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाने का विधान है।
30 दिसंबर 2020-बुधवार मार्गशीर्ष पूर्णिमा : सनातन धर्म के अनुसार, वर्ष 2020 में मार्गशीर्ष पूर्णिमा 30 दिसंबर, बुधवार के दिन मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं में पूर्णिमा को हमेशा ही एक विशेष व पवित्र तिथि के रूप में देखा जाता है, जो हर माह की शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को आती है, जिसे हम पूर्णिमा तिथि कहते हैं।
अन्नपूर्णा जयंती : अन्नपूर्णा जयंती हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन को माता अन्नपूर्णा को समर्पित किया गया है। इसी दिन मां अन्नपूर्णा का जन्म हुआ था। अन्नपूर्णा जयंती भारतीय संस्कृति में शुमार प्रमुख जयंतियों में से एक मानी जाती है।
त्रिपुर भैरवी जयंती : त्रिपुर भैरवी जयंती मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। मां काली का ही स्वरूप है माता त्रिपुर भैरवी। इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से सभी कष्टों का नाश हो जाता है।